भोपाल। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से जारी 2015 के अपराध के आंकड़ों ने एक बार फिर मध्य प्रदेश की छवि को तार-तार कर दिया है। दरअसल दुष्कर्म के मामलों को लेकर मध्यप्रदेश फिर नंबर एक पर खड़ा है।
यहां पिछले साल दुष्कर्म के 4391 मामले दर्ज किए गए हैं। जबकि 2014 में भी मध्यप्रदेश में दुष्कर्म के मामले सबसे ज्यादा थे। यहां 5076 मामले दर्ज किए गए थे। 2015 की इस रिपोर्ट में दूसरे नंबर पर रहा महाराष्ट्र, यहां 4144 मामले दर्ज हुए हैं। तीसरे नंबर पर राजस्थान का नाम शामिल है। यहां 3644 मामले पिछले एक साल में दर्ज किए गए।
पिछले एक साल की तुलना में 13.5% कम हुए बलात्कार
हालाँकि 10 साल में पहली बार ऐसा हुआ है जब मध्य प्रदेश में पिछले साल की तुलना में इस बार रेप के मामले कम हुए हैं। पिछले साल मध्यप्रदेश में रेप के 5076 मामले दर्ज किये गए थे। NCRB की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इस साल मध्य प्रदेश में रेप के मामले काफी कम दर्ज किये गए, अगर पिछले एक दशक की बात करें तो रेप के मामलों में उत्तर प्रदेश टॉप पर था। यूपी में दुष्कर्म के 35,000, महाराष्ट्र में 31000, राजस्थान में 28000 और मध्य प्रदेश में 24000 रेप के मामले दर्ज हुए।
आदिवासियों पर अपराधों को लेकर MP दूसरे नंबर पर
NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक के आदिवासियों के प्रति अपराध में राजस्थान पहले नंबर पर है। राजस्थान में आदिवासियों के खिलाफ हिंसा के 3952 मामले दर्ज हैं, वहीँ मध्यप्रदेश में 2279 घटनाएं ट्राइबल के खिलाफ दर्ज किये गए हैं।
देश भर में महिलाओं के साथ अपराध के 3 लाख 27 हजार मामले दर्ज किए गए हैं। देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित राज्यों में केवल एक लक्ष्यद्वीप ही ऐसा प्रदेश है जहां दुष्कर्म का एक भी मामला सामने नहीं आया।
(नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की ओर से जारी किए गए आंकड़े)
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